
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की हालिया रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि 2000 रुपये के नोटों का एक बहुत बड़ा हिस्सा बैंकिंग प्रणाली में वापस आ चुका है। हालांकि, अभी भी कुछ नोट बाजार में मौजूद हैं, जिनकी संख्या बेहद कम रह गई है। सरकार ने मई 2023 में इन नोटों को औपचारिक रूप से प्रचलन से बाहर कर दिया था, जिसके बाद धीरे-धीरे जनता ने इन्हें बैंकों में जमा कराया। अब सवाल यह उठता है कि आखिर बाजार में कितने नोट बाकी रह गए हैं और आरबीआई ने इसके बारे में क्या कहा है?
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2000 रुपये के 98.18% नोट वापस आ चुके हैं
भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2000 रुपये के नोटों में से 98.18% बैंकिंग प्रणाली में लौट चुके हैं। आरबीआई के अनुसार, अब केवल 6,471 करोड़ रुपये मूल्य के ऐसे नोट जनता के पास बचे हुए हैं। 19 मई, 2023 को सरकार द्वारा 2000 रुपये के नोटों को बंद करने की घोषणा की गई थी, उस समय प्रचलन में इन नोटों की कुल कीमत 3.56 लाख करोड़ रुपये थी। अब यह घटकर महज 6,471 करोड़ रुपये रह गई है।
नोट बदलने की प्रक्रिया जारी
आरबीआई के अनुसार, दो हजार रुपये के नोटों को बैंकों में जमा कराने और बदलने की सुविधा 7 अक्टूबर, 2023 तक सभी बैंक शाखाओं में उपलब्ध थी। हालांकि, अब भी यह सुविधा भारतीय रिजर्व बैंक के 19 निर्गम कार्यालयों में जारी है। इसके तहत, लोग या संस्थाएं अपने बैंक खातों में 2000 रुपये के नोट जमा करवा सकते हैं।
डाक के माध्यम से भी बदल सकते हैं नोट
आरबीआई ने यह भी बताया कि 2000 रुपये के नोटों को भारतीय डाक के माध्यम से भी बदला जा सकता है। लोग देश के किसी भी डाकघर से आरबीआई के निर्गम कार्यालय में नोट भेजकर अपने बैंक खातों में इसे जमा करा सकते हैं। इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
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अब भी वैध हैं 2000 रुपये के नोट
हालांकि, सरकार द्वारा इन नोटों को प्रचलन से बाहर कर दिया गया है, लेकिन आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि 2000 रुपये के नोट अभी भी कानूनी रूप से वैध हैं। यानी यदि किसी व्यक्ति के पास यह नोट हैं, तो वे इन्हें आरबीआई के निर्गम कार्यालय में जाकर जमा कर सकते हैं या बैंक खातों में भेज सकते हैं।
क्यों बंद किए गए थे 2000 रुपये के नोट?
सरकार ने मई 2023 में 2000 रुपये के नोटों को वापस लेने का निर्णय लिया था। इस फैसले के पीछे कई कारण थे, जिनमें प्रमुख रूप से काले धन की समस्या, जाली नोटों की बढ़ती संख्या और डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देना शामिल था। 2016 में नोटबंदी के बाद 2000 रुपये के नोट जारी किए गए थे, लेकिन समय के साथ सरकार ने इन्हें धीरे-धीरे हटाने का फैसला किया।
जनता पर क्या पड़ा असर?
हालांकि 2000 रुपये के नोट बंद होने से आम जनता पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा, लेकिन कुछ लोग, जिनके पास बड़ी मात्रा में यह नोट थे, उन्हें इसे बदलने में परेशानी हुई। ज्यादातर लोगों ने समय रहते अपने नोट बदल लिए, इसलिए अब केवल 2% नोट ही बाजार में बचे हैं।
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आरबीआई की नई रिपोर्ट क्या कहती है?
आरबीआई के अनुसार, 19 मई 2023 को जब यह नोट बंद करने की घोषणा हुई थी, उस समय कुल 3.56 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 2000 रुपये के नोट प्रचलन में थे। अब 28 फरवरी, 2025 तक यह आंकड़ा घटकर मात्र 6,471 करोड़ रुपये रह गया है। इसका मतलब है कि लोगों ने बड़े पैमाने पर अपने नोट जमा कर दिए हैं।
क्या भविष्य में 2000 रुपये के नोट फिर से आएंगे?
आरबीआई और सरकार ने अभी तक 2000 रुपये के नोटों की दोबारा छपाई को लेकर कोई संकेत नहीं दिया है। सरकार का फोकस अब छोटे मूल्य के नोटों और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने पर है। इसलिए, ऐसा माना जा सकता है कि 2000 रुपये के नोट भविष्य में वापस नहीं आएंगे।