
मध्य प्रदेश में शादी के लिए जरूरी पैमानों में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। जहां पहले सरकारी नौकरी, अच्छी तनख्वाह, लंबा-चौड़ा व्यक्तित्व और सामाजिक व्यवहार अहम थे, अब यह सब CIBIL स्कोर (Credit Information Bureau India Limited) के आगे गौण होते जा रहे हैं। लड़कियां अब शादी के लिए लड़कों की आर्थिक स्थिति का आकलन करने के लिए उनके CIBIL Score को प्राथमिकता दे रही हैं।
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शादी के फैसले में CIBIL Score की बढ़ती भूमिका
CIBIL Score और Marriage के इस ट्रेंड की शुरुआत महाराष्ट्र के मुर्तजापुर से हुई, जहां 8 फरवरी को एक युवती ने शादी से पहले लड़के का CIBIL Score देखा और उसके बाद ही विवाह का निर्णय लिया। यह चलन अब मध्य प्रदेश सहित देशभर में तेजी से फैल रहा है। अब लड़कियां न केवल लड़कों की नौकरी और तनख्वाह देख रही हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित कर रही हैं कि वे किसी भारी कर्ज के बोझ तले तो नहीं दबे हैं।
घरवालों के लड़का पसंद करने के बाद लड़कियां CIBIL Score की जांच कर रही हैं कि लड़के पर बैंक का कोई बकाया कर्ज तो नहीं है, वह अपनी आय से अधिक EMI (Equated Monthly Installment) तो नहीं चुका रहा? अब गोरा-लंबा लड़का होना दूसरे नंबर पर आ गया है, प्राथमिकता आर्थिक स्थिरता को दी जा रही है।
भोपाल और सागर में देखने को मिले खास मामले
राजधानी भोपाल और सागर में हाल ही में ऐसे दो मामले सामने आए हैं, जहां लड़कियों ने शादी के लिए CIBIL Score को आधार बनाया। एक मामले में युवती ने कर्ज से लदे दूल्हे को ठुकरा दिया, जबकि दूसरे मामले में कर्ज मुक्त लड़के को पति के रूप में चुन लिया गया।
कम सैलरी, शादी से इनकार
भोपाल की रहने वाली शीतल (परिवर्तित नाम) की शादी बेंगलूरु में काम कर रहे एक युवक से तय हुई थी। लेकिन जब लड़की ने युवक की सैलरी जानी, तो उसे यह पैकेज नाकाफी लगा। उसने कहा कि इतनी सैलरी में बैंगलूरु जैसे महंगे शहर में ठीक से रहना भी संभव नहीं होगा। अंततः, उसने शादी से इनकार कर दिया।
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कर्जमुक्त दूल्हा, शादी के लिए हां
सागर के गोपालगंज की मोना जैन की शादी छतरपुर के आशीष पंचरत्न से तय हुई। वह एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। मोना ने शादी से पहले आशीष का CIBIL Score चेक किया और पाया कि उसका स्कोर 800 था, जिसका मतलब था कि वह किसी भी तरह के कर्ज में नहीं था। यह देखते ही उसने शादी के लिए हामी भर दी।
EMI का बड़ा हिस्सा, शादी से इनकार
इंदौर के विजयनगर में मेडिकल इक्विपमेंट्स के व्यापारी संदीप गौतम की शादी भोपाल की निधि झा से तय हुई थी। लेकिन जब निधि ने संदीप का CIBIL Score चेक किया, तो उसे पता चला कि तीन बड़े कर्ज हैं और उसकी दो लाख की मासिक कमाई का 1.18 लाख रुपये EMI में चला जाता है। निधि को भविष्य सुरक्षित नहीं लगा और उसने शादी से मना कर दिया।
CIBIL Score के मायने और महत्व
क्रेडिट मैनेजर विश्वजीत मिश्रा के अनुसार, CIBIL Score 300 से 900 अंकों के बीच होता है। जितना अधिक स्कोर, उतना अधिक बैंक और वित्तीय संस्थानों का भरोसा। शादी के बाद नवदंपत्तियों को घर, कार और अन्य जरूरी चीजों के लिए लोन लेने की जरूरत पड़ती है, ऐसे में CIBIL Score बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि लोन समय पर चुकाया जाता है, तो यह स्कोर बढ़ता है।
क्या कहता है CIBIL Score?
- 685 या उससे अधिक स्कोर होने पर लोन मिलने के चांस अधिक होते हैं।
- 750 या उससे अधिक स्कोर को बैंक बेहद अच्छा मानते हैं।
- इसमें व्यक्ति की वित्तीय पहचान जैसे नाम, जन्मतिथि, लिंग आदि की जानकारी होती है।
- इसमें यह विवरण होता है कि व्यक्ति ने कब और कितना लोन लिया और कितना चुकाया।
- यदि किसी व्यक्ति ने लोन के लिए केवल पूछताछ भी की है, तो उसकी भी जानकारी इसमें दर्ज होती है।
- यदि स्कोर कम हो, तो तीन साल तक मासिक रिकॉर्ड सुधार कर इसे बेहतर बनाया जा सकता है।
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भविष्य में बायोडाटा में होगा CIBIL Score का उल्लेख
सेंट्रल बैंक के ब्रांच मैनेजर राजेश सिंघई का कहना है कि आने वाले समय में शादी के लिए केवल गुण, स्वभाव और सामाजिक स्थिति ही नहीं, बल्कि वित्तीय अनुशासन भी जरूरी हो जाएगा। जल्द ही शादी के लिए तैयार किए जाने वाले बायोडाटा में CIBIL Score का उल्लेख भी आम बात हो जाएगी। जिन लोगों का CIBIL Score कम होगा, उन्हें शादी से पहले क्रेडिट काउंसलिंग करानी पड़ सकती है।