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BEd में बड़ा बदलाव! 90% अटेंडेंस जरूरी, नहीं तो नहीं मिलेगी इंटर्नशिप, 8 साल में पूरा करना होगा कोर्स

चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स में हुए नए बदलाव, अब पढ़ाई होगी और सख्त! जानिए एनसीटीई के नए नियम, कॉलेजों में बढ़ेंगी कक्षाएं, सेमिनार होंगे अनिवार्य और छात्रों को मिलेगी 8 साल तक की छूट – क्या ये बदलाव आपके लिए फायदेमंद हैं?

By Brandon Naylor
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BEd में बड़ा बदलाव! 90% अटेंडेंस जरूरी, नहीं तो नहीं मिलेगी इंटर्नशिप, 8 साल में पूरा करना होगा कोर्स

चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स में नामांकित छात्रों को अब अपनी स्कूल इंटर्नशिप के लिए 90% उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने नई शिक्षा नीति के तहत बीएड कॉलेजों में पढ़ाई की प्रक्रिया को और अधिक सख्त और व्यवस्थित करने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया है। इस संबंध में तैयार किया गया ड्राफ्ट बीआरएबीयू समेत सभी विश्वविद्यालयों को भेज दिया गया है।

बीआरएबीयू के इंस्पेक्टर ऑफ साइंस प्रो. अरविंद कुमार के अनुसार, इस ड्राफ्ट का गहन अध्ययन किया जाएगा और आवश्यकतानुसार कदम उठाए जाएंगे। एनसीटीई के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक कॉलेज को एक सेमेस्टर में न्यूनतम 96 दिन की कक्षाएं संचालित करनी होंगी। एक सेमेस्टर आमतौर पर छह महीने का होता है, और इस दौरान छात्रों को हर सप्ताह 40 घंटे की कक्षा में भाग लेना आवश्यक होगा।

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बीएड पूरा करने के लिए आठ साल तक की छूट

चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कार्यक्रम में नामांकित छात्रों को अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए अधिकतम आठ वर्षों तक का समय दिया जाएगा। एनसीटीई द्वारा जारी नए ड्राफ्ट में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि यदि कोई छात्र किसी कारणवश परीक्षा में शामिल नहीं हो पाता है, तो उसे बीएड की पढ़ाई पूरी करने के लिए आठ साल तक का अवसर मिलेगा।

वर्तमान में, बीआरएबीयू से संबद्ध चार कॉलेजों में इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स संचालित किया जाता है। प्रत्येक कॉलेज में 100 सीटें निर्धारित हैं, जिससे हर साल कुल 400 छात्रों को इस पाठ्यक्रम में प्रवेश मिलता है।

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बीएड कॉलेजों में बढ़ेगी शैक्षणिक गतिविधियां

एनसीटीई के नए ड्राफ्ट में यह भी निर्देश दिया गया है कि इंटीग्रेटेड बीएड कराने वाले कॉलेजों में नियमित रूप से सेमिनार और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाए। इसका उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों के बीच बेहतर संवाद स्थापित करना और शैक्षणिक माहौल को अधिक प्रभावी बनाना है।

इसके अतिरिक्त, प्रत्येक कॉलेज को एक विशेष रजिस्टर में अपनी सभी शैक्षणिक गतिविधियों को दर्ज करना अनिवार्य होगा। छात्रों से भी इन गतिविधियों पर फीडबैक लिया जाएगा, जिसे बाद में एनसीटीई को रिपोर्ट किया जाएगा। यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए उठाया गया है।

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