
अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर में भक्तों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए दर्शन और आरती के समय में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। महाकुंभ के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए उमड़ रहे थे, लेकिन अब महाकुंभ समाप्त होने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या सामान्य हो रही है। इसी क्रम में, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर में दर्शन और आरती की नई समय सारिणी लागू कर दी है, जो 3 मार्च से प्रभावी हो गई है। आइए जानते हैं इस नई व्यवस्था के बारे में विस्तार से।
मंदिर में दर्शन का नया समय
नवीन समय सारणी के अनुसार, अब श्री राम जन्मभूमि मंदिर के पट सुबह 6 बजे खुलेंगे, जबकि पहले यह समय सुबह 7 बजे था। यह बदलाव इसलिए किया गया है ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर सकें। सुबह 6:30 बजे से लेकर दोपहर 11:50 बजे तक भक्त दर्शन कर सकेंगे। उसके बाद दोपहर 12 बजे राज भोग आरती के लिए मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे। यह समय आधे घंटे का होगा, जिसके बाद 12:30 बजे से 1 बजे तक मंदिर के कपाट फिर से बंद रहेंगे।
इसके बाद दोपहर 1 बजे से शाम 6:50 तक दर्शन किए जा सकेंगे। शाम 7 बजे संध्या आरती के बाद रात 9:45 बजे तक दर्शन की अनुमति होगी। फिर रात 10 बजे शयन आरती के बाद मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे। यह नई व्यवस्था श्रद्धालुओं की सुविधा और मंदिर की परंपराओं को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है।
आरती और दर्शन का पूरा शेड्यूल
प्रातःकालीन समय
- 4:00 बजे – मंगला आरती
- 4:15 से 6:00 बजे तक – मंदिर के कपाट बंद रहेंगे
- 6:00 बजे – श्रंगार आरती
- 6:30 से 11:50 बजे तक – श्रद्धालुओं के लिए दर्शन
- 11:50 से 12:00 बजे तक – राज भोग के लिए मंदिर के कपाट बंद
दोपहर का समय
- 12:00 बजे – भोग आरती
- 12:00 से 12:30 बजे तक – दर्शन की अनुमति
- 12:30 से 1:00 बजे तक – मंदिर के कपाट बंद
- 1:00 बजे से शाम 6:50 बजे तक – दर्शन का समय
संध्याकालीन समय
- 6:50 से 7:00 बजे तक – राज भोग के लिए मंदिर के पट बंद
- 7:00 बजे – संध्या आरती
- 7:00 बजे से 9:45 बजे तक – श्रद्धालुओं के लिए दर्शन
- 9:45 से 10:00 बजे तक – मंदिर के कपाट बंद
- 10:00 बजे – शयन आरती
- 10:15 बजे – मंदिर के पट पूर्ण रूप से बंद
प्रवेश और सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव
रात 9:30 बजे के बाद गेट नंबर 1 (डी 1) से प्रवेश बंद कर दिया जाएगा। फरवरी में भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए गेट नंबर 3 को खोला गया था, लेकिन अब इसे बंद कर दिया गया है। सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए यह बदलाव किया गया है, जिससे मंदिर परिसर में भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और श्रद्धालुओं को आरामदायक अनुभव मिल सके।