News

Holi 2025: होली समारोहों में मुस्लिमों की एंट्री पर बैन? विवाद के बाद गरमाई राजनीति!

ब्रज क्षेत्र में होली पर मुस्लिमों के प्रवेश को लेकर उठी मांग, धर्मरक्षा संघ ने किया सीएम योगी से अनुरोध, सपा ने बताया सांप्रदायिक एजेंडा!

By Brandon Naylor
Published on

उत्तर प्रदेश के वृंदावन में होली 2025 को लेकर विवादित मांग सामने आई है। एक कथित हिंदूवादी संगठन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह किया है कि ब्रज क्षेत्र में होली पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में मुस्लिम समाज के लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाए। इस मांग के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) के बलिया से सांसद सनातन पांडेय ने इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसी मांग करने वाले भगवान श्रीकृष्ण के अनुयायी नहीं हो सकते। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर सत्ता के लिए हिंदू-मुस्लिम समाज को बांटने का आरोप लगाया।

यह भी देखें- मार्च में 3 दिन की छुट्टी! बच्चों और सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी

मुस्लिम समाज के प्रवेश पर रोक की मांग

धर्मरक्षा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा, “पिछले दिनों बरेली में देखने में आया कि मुस्लिम समाज के लोग हमारे लोगों को धमकियां दे रहे हैं। ऐसे में धर्मरक्षा संघ ने निर्णय लिया है कि हम ब्रज क्षेत्र में मथुरा, वृंदावन, नंदगांव, बरसाना, गोकुल, दाऊजी आदि तीर्थस्थलों पर होने वाले होली समारोहों के दौरान मुस्लिम समाज के लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाएंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि संगठन यह सुनिश्चित करेगा कि मुस्लिम समाज के लोग होली के बहाने रंग-गुलाल बेचने का व्यापार न करें और भीड़ में शामिल होकर किसी तरह का हुड़दंग न करें।

“मुसलमानों को रंग-गुलाल से ऐतराज, तो फिर यहां क्यों?”

धर्मरक्षा संघ के राष्ट्रीय संयोजक आचार्य बद्रीश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करते हुए कहा कि जिस तरह गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में गरबा नृत्य के दौरान जिहादियों और अलगाववादियों को प्रवेश से रोका गया, उसी तरह ब्रज क्षेत्र के प्रेम से भरे पर्व होली पर भी इन्हें दूर रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “यदि उन्हें रंग और गुलाल से ऐतराज है, तो फिर उनकी यहां क्या जरूरत है?” हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि मुस्लिम समाज हिंदू समुदाय को लिखित आश्वासन देता है, तो उनके होली समारोह में शामिल होने पर कोई आपत्ति नहीं होगी।

सपा ने बीजेपी पर साधा निशाना

सपा सांसद सनातन पांडेय ने इस विवादास्पद मांग को लेकर बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “ऐसी मांग करने वाले भगवान श्रीकृष्ण के अनुयायी नहीं हो सकते। यह सब बीजेपी के इशारे पर हो रहा है, ताकि चुनाव से पहले समाज को बांटा जा सके।” पांडेय ने आगे कहा कि होली का त्योहार प्रेम और भाईचारे का प्रतीक है, इसमें धर्म या जाति के आधार पर किसी को दूर रखने की कोई जरूरत नहीं।

यह भी देखें- CM योगी का सख्त फैसला! अब यूपी में नहीं बिकेगी शराब! देखें

प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं

इस पूरे मामले पर अब तक उत्तर प्रदेश सरकार या स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला चुनावी रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जिसमें धार्मिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है।

क्या धार्मिक आयोजनों में प्रवेश प्रतिबंधित किया जा सकता है?

कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय संविधान सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार देता है। किसी भी धार्मिक स्थल पर किसी व्यक्ति के प्रवेश को धर्म के आधार पर प्रतिबंधित करना संवैधानिक रूप से उचित नहीं होगा। हालांकि, आयोजकों को यह अधिकार है कि वे अपने धार्मिक आयोजनों के दौरान अनुशासन और सुरक्षा बनाए रखने के लिए विशेष निर्देश जारी करें। लेकिन किसी धर्म विशेष के लोगों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाना कानून के तहत संभव नहीं होगा।

क्या यह चुनावी मुद्दा बनेगा?

विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला आगामी चुनावों के लिए एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। बीजेपी जहां हिंदुत्व की अपनी छवि को और मजबूत करने के लिए इसका फायदा उठा सकती है, वहीं विपक्षी पार्टियां इसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश बताकर हमला कर सकती हैं।

Leave a Comment