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CM योगी का सख्त फैसला! अब यूपी में नहीं बिकेगी शराब! देखें

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए लिए सख्त फैसले, हाईवे के किनारे शराब की दुकानों पर रोक और एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर अस्पतालों की व्यवस्था के आदेश!

By Brandon Naylor
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में सड़क हादसों को कम करने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि हाईवे के किनारे स्थित दुकानों में शराब की बिक्री पर रोक लगाई जाए, ताकि नशे की हालत में गाड़ी चलाने की घटनाओं पर रोक लगाया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओवर स्पीडिंग, ड्रंकन ड्राइव, गलत साइड ड्राइविंग, रेड लाइट जंप करना और मोबाइल फोन का उपयोग सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण हैं। इन पर नियंत्रण पाने के लिए जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है।

रविवार को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री ने कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि शराब की दुकानों के साइनेज छोटे किए जाएं और बिना परमिट की बसों को सड़कों पर न चलने दिया जाए। डग्गामार वाहनों और ओवरलोडेड ट्रकों पर प्रभावी कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। दूसरे राज्यों से बिना परमिट के आने वाले वाहनों को बॉर्डर पर ही रोका जाए। मुख्यमंत्री ने ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन और व्हीकल एसोसिएशन से संवाद स्थापित कर यह सुनिश्चित करने को कहा कि लंबी दूरी तय करने वाले वाहनों पर दो ड्राइवरों की व्यवस्था हो।

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2024 में 46052 सड़क दुर्घटनाएं, 24000 से अधिक मौतें

प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं के वार्षिक आंकड़ों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2024 में 46052 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 34600 लोग घायल हुए और 24000 से अधिक मौतें हुईं। यह आंकड़े अत्यंत चिंताजनक हैं और इन्हें हर हाल में कम करना होगा। मुख्यमंत्री ने सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी विभागों को आपसी समन्वय स्थापित कर सामूहिक प्रयासों से सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश के सभी मार्गों पर ब्लैक स्पॉट को चिन्हित कर उन्हें दुरुस्त करने के आदेश भी दिए।

एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर अस्पताल बनाने के निर्देश

सड़क दुर्घटना में घायल लोगों के इलाज को लेकर मुख्यमंत्री ने चिंता जताई और निर्देश दिए कि सभी एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर फूड प्लाजा की तर्ज पर अस्पतालों की व्यवस्था की जाए। सभी मंडल मुख्यालयों के अस्पतालों में ट्रॉमा सेंटर, एंबुलेंस और प्रशिक्षित स्टाफ की तैनाती सुनिश्चित करने को कहा गया है। उन्होंने निर्देश दिया कि एक्सप्रेस-वे और हाईवे पर क्रेन, पेट्रोलिंग वाहन और एंबुलेंस की संख्या बढ़ाई जाए।

प्रदेश में नेशनल हाईवे अथॉरिटी (NHAI) की 93 सड़कें हैं, लेकिन इनमें से केवल चार पर ही कैमरे लगे हैं। मुख्यमंत्री ने शेष सभी सड़कों पर भी कैमरे लगाने के निर्देश दिए। साथ ही, फुट ओवर ब्रिज की जरूरत वाले स्थानों की पहचान कर उनके निर्माण के आदेश भी दिए गए। उन्होंने कहा कि सभी प्रमुख मार्गों पर सड़क सुरक्षा से संबंधित साइनेज लगाने का कार्य जल्द पूरा किया जाए।

दुर्घटना प्रभावित 20 जिलों पर विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2024 में प्रदेश के 75 जिलों में हुई दुर्घटनाओं में सबसे अधिक 20 जिले प्रभावित रहे। इनमें हरदोई, मथुरा, आगरा, लखनऊ, बुलंदशहर, कानपुर नगर, प्रयागराज, सीतापुर, उन्नाव, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, बरेली, अलीगढ़, गौतमबुद्धनगर, शाहजहांपुर, गोरखपुर, कुशीनगर, बदायूं, मेरठ और बिजनौर शामिल हैं। इन जिलों में हुई सड़क दुर्घटनाओं में प्रदेश की कुल मृत्यु दर का 42 प्रतिशत भाग दर्ज हुआ है।

इन जिलों में सड़क हादसों को नियंत्रित करने के लिए दुर्घटना के प्रमुख कारणों को पहचानने और जन-जागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा समिति की बैठकें जिला स्तर पर मासिक और मंडल स्तर पर त्रैमासिक रूप से अनिवार्य रूप से होनी चाहिए।

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ट्रैफिक प्रबंधन में सुधार के लिए उठाए जाएंगे कदम

मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में नाबालिग बच्चों द्वारा ई-रिक्शा चलाने की घटनाओं पर रोक लगाई जाए। सभी ई-रिक्शा चालकों का सत्यापन कराने के आदेश दिए गए हैं। आरटीओ कार्यालयों को दलालों से मुक्त करने के लिए समय-समय पर रैंडम चेकिंग अभियान चलाने के निर्देश भी दिए गए हैं।

सड़क जाम की समस्या को हल करने के लिए ट्रैफिक पुलिस की पर्याप्त तैनाती की जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर सिविल पुलिस, पीआरडी और होमगार्ड के जवानों को प्रशिक्षित कर ट्रैफिक प्रबंधन में लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने अस्पतालों, स्कूलों और प्रमुख बाजारों के बाहर टेबल टॉप स्पीड ब्रेकर बनाने के भी आदेश दिए हैं।

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